‘चांदी का बड़ा सा गोल खंभा’ में कवि की किस सूक्ष्म कल्पना का आभास मिलता है?

पोखर के जल में जब सूर्य की तेज किरणें पड़ती हैं और फिर उस जल में प्रातिबिन्ब बनता है| पोखर कके जल में बनने वाला प्रतिबिंब चाँदी के खंबे की तरह होता है इसीलिये कवि ने उस प्रतिबिंब की तुलना चाँदी के बड़े गोल खंबे से की है|


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